हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर। लक्ष्यभेदी फाउण्डेशन फाउण्डर वेदप्रकाश के द्वारा होटल कल्चुरी में चैत्र प्रतिपदा के अवसर पर होने वाले कार्यक्रम की जानकारी देने के लिए पत्रवार्ता का आयोजन किया। इस दौरान वेदप्रकाश ने बताया कि पतझड़ समाप्त होने को है, नव पल्लव और नव किसलय प्रस्फु टित होने को आतुर हैं, प्रकृति के विविध रंग हर सृजन का श्रृंगार करने के लिए तैयार हैं, ऐसे में सृष्टि का सृजन तो होना ही था और फि र जब सब कुछ नया नया हो तो नव वर्ष का शुभारम्भ भी तो होगा, तो सनातन भारतवर्ष का नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा से आरम्भ होता है।
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सनातन धर्म की रक्षा का सम्बंध सृष्टि की रक्षा से भी है। चैत्र मास की प्रतिपदा में ही सृष्टि की रचना हुई और इसी शुभ दिन से हमारा नव वर्ष शुरू होता है। सनातन हिंदू धर्म दुनिया का एक मात्र धर्म है जो सृष्टि और प्रकृति की समग्रता को केंद्र में रखकर नव वर्ष का उत्सव मनाता है । धार्मिक मान्यता के अनुसार चैत्र मास में सृष्टि की रचना तो हुई ही थी, इस मास में समूची प्रकृति अपने अभिनव स्वरूप को भी प्राप्त करती है। अक्षय ऊर्जा के स्रोत सूर्य की विशेष स्थिति से उत्तरी गोलाद्र्ध को सर्वोच्च समृद्धि की प्राप्ति होती है। विज्ञान की दृष्टि से यह समय चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होता है जिसकी शुभ तिथि ग्रेग्रेरियन पंचांग के अनुसार 22 मार्च को पड़ रही है। तो आईएए हम अपना हिंदू नव संवत्सर चैत्र मास की प्रतिपदा से मनाकर अपना जीवन सुखमय बनाएं । इस दौरान बताया गया कि ग्वारीघाट के उमाघाट में 22 मार्च की प्रात: 6 बजे से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसमें विभिन्न कलाकार दूर-दूर से हिस्सा लेने आ रहे हैं, जिसमें उगते सूर्य को अध्र्य देना, समवेत शंखनाद, ब्राम्हणों मुखारबिंदु स्वस्तिवाचन, सांस्कृतिक संगीत, माँ नर्मदा जी की आरती, प्रसाद वितरण का कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसमें उपस्थिति की अपील लक्ष्यभेदी फाउण्डेशन के वेदप्रकाश, श्री श्याम व रूद्धाक्ष पाठक आदि ने की है।
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