हमारा इंडिया न्यूज हर पल हर खबर मध्यप्रदेश/जबलपुर। धर्म जागरण व जगत कल्याण के उद्देश्य से अधारताल क्षेत्र के तमाम नागरिकों व जय हो अधारताल विकास समिति के सदस्यों के सार्थक प्रयास से अधारताल तालाब परिसर में मनोकामना पूर्ति शनि देव महाराज जी की शिला की स्थापना विधि विधान के साथ की गई। वहीं समिति के सदस्यों ने बताया कि इसके पूर्व विगत वर्षों में तालाब परिसर में दक्षिणमुखी मनोकामना पूर्ति हनुमान जी महाराज की स्थापना सभी के कल्याण के लिए की गई है।
समिति के सदस्यों ने बताया कि हजारों वर्ष पुराने पहाड़ जो कि चूल्हा गुलाई के टेक में स्थित है, यहां से शनि देव महाराज की शिला लाई गई और ग्राम बगरई, चरंगवा में निवासरत विमलेश पण्डा जी के द्वारा शनिदेव महाराज की शिला को आकार दिया गया। जिन्होंने बताया कि जिनके दर्शन मात्र ही व्यक्ति के कष्ट दूर होते हैं। अब यहां पर रोजाना दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है।
अच्छे कामों को करने वालों का देते हैं साथ
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इस संबंध में समिति के सदस्यों ने बताया कि शास्त्रानुसार शनि ऐसे देवता हैं, जो अच्छे कामों व मेहनत के बल पर खुशहाल बनने की प्रेरणा देते हैं। जगत न्यायाधीश होने के कारण वह अनुशासन, संयम, पवित्रता और संकल्प के साथ मकसद को पूरा करने का सबक भी देते हैं। कुंडली में शनि की शुभ या अशुभ स्थिति से शेष 8 ग्रहों के फ ल बदल जाते हैं। अक्सर लोग शनि देवता को क्रूर ग्रह कहते हैं, लेकिन यह बात सच नहीं है। शनि न्यायप्रिय हैं, वे गलत कार्य करने वालों को दंडित करते हैं और अच्छे कार्य करने वालों को पुरस्कृत, हां, उन्हें इतनी शक्ति प्राप्त है कि मानव तो क्या, देवता भी उनसे डरते हैं।
स्थापना दिवस पर रही इनकी महत्वपूर्ण भूमिका
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इस दौरान विमलेश पंडा जी, पंडि़त जी आशीष दुबे, जय हो अधारताल विकास समिति के देवेन्द्र जायसवाल, आशीष विश्वकर्मा, नरेन्द्र श्रीवास, लक्की मैनी, अमित विश्वकर्मा, महेन्द्र सेन, असीम दास, संजय पाटकर, अमरीश राय, मनोज जायसवाल, आशीष तिवारी, रियान जायसवाल, मोनू चंदेल, सलिल मिश्रा, सागर चौधरी, सत्येन्द्र विश्वकर्मा, अमित रत्न पारकी, अभय, आतीश केवट, योगेश शर्मा, रूप काले, दिनकर शुक्ला, जितेन्द्र वैष्वण जित्तू, रविन्द्र वैष्वण आदि मौजूद रहे।
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