हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश। जिले की गाडरवारा तहसील के बरमानखुर्द में नर्मदा और बरहीं नदियों का पवित्र संगम है। यह स्थान नर्मदा नदी के दोनों तटों पर विभिन्न कालों में निर्मित विभिन्न देवताओं के अनेक पुराने मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। मंदिरों और सुंदर सीढ़ियों की पंक्तियों से युक्त स्नानघाटों की श्रृंखला दर्शकों का मन मोह लेती है। नदी के दक्षिणी तट पर स्थित भगवान शिव का विशाल दीपेश्वर मंदिर है। इसे रानी दुर्गावती का मंदिर कहा जाता है और इसके निर्माण की कथा गढ़ा- मंडला की प्रसिद्ध रानी दुर्गावती से संबद्ध है, किंतु मंदिर के एक शिलालेख पर संवद् 1867 अंकित है। इस तट पर एक लक्ष्मी नारायण का मंदिर है और एक अन्य मंदिर भी है, जो पिसनहारी मंदिर कहलाता है। पिसनहारी के मंदिर के संबंध में यह कहा जाता है कि इसका निर्माण एक गरीब पिसनहारी द्वारा अपनी अल्प आय में से करवाया गया था। उत्तरी तट के घाट और सीढ़ियों की पंक्तियां एक द्वार तक जाती है, जो हाथी दरवाजा जिससे में हाथी निकल सकता है कहलाता है। इस घाट पर भी अनेक मंदिर बने हुए हैं। इनमें एक मंदिर बैरागी का मन्दिर कहलाता है, जिसका निर्माण इन्दौर के एक बैरागी द्वारा किया गया था। यहां राम और लक्ष्मण का एक मंदिर भी है जिसके सामने एक प्रस्तर स्तम्भ है जिस पर विष्णु के अवतारों का चित्रण है।
Jansampark Madhya Pradesh CM Madhya Pradesh Department of Religious trusts & Endowments, MP Department of Culture, Madhya Pradesh
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