निरीक्षण में पाई गई कमियों को शीघ्र दूर करें अस्पताल संचालक
- डॉ. इलैयाराजा टी.
इलेक्ट्रीकल सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट के साथ करना होगा टेम्परेरी
फायर एनओसी के लिए आवेदन
कलेक्टर ने ली निजी नर्सिंग होम एवं अस्पताल संचालकों की
बैठक
हमारा इंडिया न्यूज (हर पल हर खबर) मध्यप्रदेश/जबलपुर। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. ने निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग एवं
नगर निगम की टीम के निरीक्षण में पाई गई कमियों को शीघ्र दूर कर लेने की हिदायत दी
है। आज शाम कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित निजी नर्सिंग होम एवं अस्पताल संचालकों की
बैठक को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मापदंडों
में कमी किसी भी हालत में स्वीकार नहीं होगी। अस्पताल संचालक जितनी जल्दी निरीक्षण
में पाई गई कमियों को दूर कर लेंगे यह उनके लिए बेहतर होगा, अन्यथा उनका पंजीयन निरस्त
करने की कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर ने बैठक में टेम्परेरी फायर एनओसी एवं
सुरक्षा संबंधी कमियों को दूर करने में निजी अस्पतालों द्वारा बरती जा रही ढिलाई पर
अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को इसके प्रति पूरी गंभीरता
बरतनी होगी। प्रशासन इस मामले में सख्त है और किसी तरह की ढिलाई स्वीकार नहीं करेगा।
डॉ. इलैयाराजा टी. ने स्पष्ट किया कि प्रोविजनल
फायर एनओसी के आधार पर किसी भी निजी अस्पताल का संचालन नहीं किया जा सकेगा। निजी अस्पतालों
एवं नर्सिंग होम के संचालन के लिए टेम्परेरी फायर एनओसी अनिवार्य होगी। उन्होंने शासन
के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों को टेम्परेरी फायर एनओसी प्राप्त
करने के लिए इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट कराना जरूरी है। टेम्परेरी फायर एनओसी के आवेदन
तभी स्वीकार किये जायेंगे जब आवेदन के साथ इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट संलग्न
होगी।
कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम
की टीम द्वारा निजी अस्पतालों के निरीक्षण में पाई गई कमियों से अस्पताल संचालकों को
अवगत करा दिया गया है। उन्हें नोटिस भी जारी किये गये हैं। अस्पताल संचालकों को इन
कमियों को जितनी जल्दी हो सके दूर करना होगा। कमियों के दूर हो जाने के बाद एक बार
फिर अस्पतालों का निरीक्षण होगा और संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें टेम्परेरी फायर एनओसी
जारी की जायेगी।
बैठक में निजी नर्सिंग होम एवं अस्पताल संचालकों
को टेम्परेरी फायर एनओसी के लिए किये आवेदनों में संलग्न किये जाने वाले दस्तावेजों
की जानकारी भी दी गई। बैठक में बताया गया अभी तक प्राप्त हुए आवेदनों को इलेक्ट्रिकल
सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट नहीं लगी होने के कारण वापस किया जा रहा है। अस्पताल संचालकों
के इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट कराने और उसकी रिपोर्ट संलग्न करने के बाद टेम्परेरी फायर
एनओसी को लिए नये सिरे से आवेदन करना होगा। बैठक में निजी अस्पतालों के संचालन के लिए
जरूरी अन्य औपचारिकताओं से भी अस्पताल संचालकों को अवगत कराया गया।
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. ने बैठक में साफ किया
कि प्रशासन की मंशा किसी को भी वेबजह परेशान करने की नहीं है। प्रशासन चाहता है कि
दुबारा कोई हादसा न हो। इसके लिए प्रशासन हर कीमत पर सतर्कता बरतेगा। यह निजी अस्पतालों
की भी जिम्मेदारी है कि व्यवस्था को बेहतर बनाने में वे स्वयं भी आगे आयें, ताकि मरीजों
को बेहतर ईलाज को साथ-साथ सुरक्षित वातावरण भी उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में आयुष्मान कार्ड धारियों को फर्जी मरीज
बनाकर भर्ती करने के मामले में एक निजी अस्पताल पर की जा रही कार्यवाही का भी जिक्र
किया गया। कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि सभी निजी अस्पतालों को इसे गंभीरता से
लेना होगा तथा इस तरह की स्थिति न बने इसके लिए सचेत रहना होगा। उन्होंने आयुष्मान
योजना को शासन की महत्वपूर्ण योजना बताते हुए कहा कि निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड धारियों
को उपचार के लिए भर्ती करने से मना नहीं कर सकेगा।
राष्ट्रीय पोषण माह में भी दें सहयोग
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा
टी. ने बैठक में निजी नर्सिंग होम एवं अस्पतालों को एक आयोजित किये जाने वाले राष्ट्रीय
पोषण माह में बढ़-चढ़कर सहभागिता निभाने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय
पोषण माह के तहत बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अपने स्तर पर कार्यक्रम
आयोजित कर निजी अस्पताल शासन के इस महत्वपूर्ण अभियान में सहभागी बन सकते हैं।
डॉ. इलैयाराजा ने 7
सितम्बर को रेडक्रास सोसायटी द्वारा वृहद स्तर पर आयोजित किये जा रहे रक्तदान शिविर
की जानकारी भी बैठक में दी। उन्होंने कहा कि रक्तदान के क्षेत्र में कार्य कर रही स्वयंसेवी
एवं समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग में आयोजित किये जा रहे वृहद रक्तदान शिविर में निजी
अस्पताल को भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुए आगे आकर सहभागी बनना होगा और ज्यादा
से ज्यादा लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करना होगा।
कलेक्टर कार्यालय में
सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम संचालकों को फायर एनओसी,
सुरक्षा संबंधी अन्य मापदंडों तथा पंजीयन के लिए जरूरी औपचारिकताओं की जानकारी दी गई।
बैठक में जिला पंचायत की सीईओ डॉ. सलोनी सिडाना, नगर निगम आयुक्त आशीष वशिष्ठ, सीएमएचओ
डॉ. संजय मिश्रा निजी नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमरेन्द्र पांडे, डॉ. राजेश
धीरावाणी, डॉ. पवन स्थापक भी मौजूद थे।
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