हमारा इंडिया न्यूज (हर पल-हर खबर)/उज्जैन: महाकाल की नगरी उज्जैन का धर्म के साथ विज्ञान का भी नाता रहा है. ऐसी मान्यता है कि उज्जैन अनादि काल से ही काल गणना का केंद्र रहा है. महाकाल की नगरी में स्थित जीवाजी वेधशाला में सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी व काल चक्र को आसानी से समझा जा सकता है. हर साल 21 जून को खगोलीय घटना के कारण सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत होता है, जिसके चलते कर्क रेखा के आसपास आपकी परछाई आपको ही दिखनी बंद हो जाती है. उज्जैन भी कर्क रेखा पर स्थित है, जिसकी वजह से हर साल 21 जून को यहां भी परछाई दिखनी बंद हो जाती है.
बता दें कि उज्जैन के जीवाजी शोधशाला में आज इस खगोलीय घटना को देखने की व्यवस्थी की गई है. यहां पर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर शंकु यंत्र के माध्यम से परछाई को गायब होते प्रत्यक्ष रूप से देखा जाएगा.
दरअसल खगोलीय घटना की दृष्टि से 21 जून साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है. जिसे लेकर देश भर के लोगों मे भी अलग ही उमंग होती है. आज के दिन दोपहर 12:28 मिनट पर कर्क रेखा के आस-पास वाले सभी स्थानों पर लोगों की अपनी परछाई गायब होती देखी जाती है. ऐसी घटना पहली बार नहीं बल्कि हर वर्ष होती है.
सूर्य 21 जून को उत्तराणायन से दक्षिणायन की ओर प्रवेश करते है, जिसके बाद दिन छोटे और रात बड़ी होने लगती है. 21 जून का दिन 13 घण्टे 34 मिनट का तो रात 10 घण्टे 26 मिनट की होती है. साथ ही सूर्य की चरम क्रांति इस दिन 23 डिग्री 26 मिनट व 15 सेकंड होती है. 21 जून के बाद दिन छोटे व रात बड़ी होने लगती है. वहीं 23 सितंबर 2022 को फिर खगोलीय घटना के कारण दिन व रात बराबर होंगे.
21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर होता है लंबवत
जीवाजी वेधशाला उज्जैन के अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गुप्त ने बताया कि 21 जून का दिन उत्तरी गोलार्द्ध के लिए काफी महत्वपूर्ण है, चूंकि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है तो 21 व 22 जून के अंतराल में सूर्य कर्क रेखा की ओर लंबवत होता है. इस दिन सूर्य की चरम क्रांति 23 डिग्री 26 मिनट व 15 सेकेंड होती है. इसी कारण कर्क रेखा के नजदीक जितने भी स्थान है, वहां 12 बजे के आस-पास परछाई गायब देखी जाती है.
इस साल 21 जून को उज्जैन में ये दृश्य दोपहर 12:28 पर देखा जाएगा, सूर्य सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर उदय होंगे व 7 बजकर 16 मिनट पर अस्त होंगे. इस प्रकार से आज 13 घण्टे 34 मिनट का दिन व 10 घण्टे 26 मिनट की रात होगी. 21 जून से सूर्य उत्तरायण से दक्षिणायन की ओर जाने लगेंगे. जिससे दिन छोटे और रात बड़ी होने लगेगी. इसके बाद 23 सितंबर को खगोलीय घटनाओं के कारण दिन रात बराबर हो जाएंगे.
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